उपसर्ग किसे कहते हैं? उपसर्ग के 3 प्रकार और उदाहरण

क्या आप जानते हैं कि, उपसर्ग किसे कहते हैं ? और उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं ? अगर नही तो आज हम इसके बारे में पढेंगे और साथ ही इसके कुछ उदाहरण भी देखेंगे |

उपसर्ग किसे कहते हैं ?

उपसर्ग शब्द ‘उप’ तथा ‘सर्ग’ शब्द से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है समीप आकर नया शब्द बनाना | अर्थात जो शब्दांश शब्दों के आदि (शुरुआत) में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं | उदाहरण-

‘हार’ शब्द का अर्थ है- ‘पराजय’ परंतु इसी शब्द के आगे ‘प्र’ शब्दांश जोड़ने से नया शब्द बनेगा – प्र+हार, जिसका अर्थ होता है- चोट करना | इसी तरह ’आ’ जोड़ने से ‘आ+हार’ (भोजन), ‘सम’ जोड़ने से सम्+हार (विनाश) तथा ‘वि’ जोड़ने से वि+हार (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएंगे |

उपयुक्त उदाहरण में ‘प्र’, ‘आ’, ‘सम’ और ‘वि’ का अलग से कोई अर्थ नहीं है, परंतु ‘हार’ शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में उन्होंने परिवर्तन कर दिया, इसका मतलब हुआ कि यह सभी शब्दांश है और ऐसे शब्दांश को उपसर्ग कहते हैं |

नोट: उपसर्ग में संधि का भी नियम लगता है| किसी-किसी शब्द में एक से अधिक उपसर्ग भी आते हैं| जैसे- 

  • वि + आ + करण = व्याकरण
  • अन्+आ+चार = अनाचार
  • सत्+आ+चार = सदाचार

उपसर्ग किसे कहते हैं

आप पढ़ रहें हैं- उपसर्ग किसे कहते हैं?

उपसर्ग के प्रकार

हिंदी में उपसर्ग को 3 भागों में विभाजित किया गया है |

  1. संस्कृत के उपसर्ग – तत्सम शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग संस्कृत के उपसर्ग होते हैं।
  2. हिंदी के उपसर्ग – तद्भव शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग को हिंदी के उपसर्ग कहते हैं।
  3. आगत उपसर्ग – हिंदी में प्रयोग किये जाने वाले विदेशी भाषाओं (अरबी, फारसी, उर्दू, अंगेजी) के उपसर्ग आगत उपसर्ग कहलाते हैं।

उपसर्ग के उदाहरण

उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने नये शब्द
अतिअधिक/परेअतिशीघ्र , अत्युक्ति
अधिश्रेष्ठ/अधिकअधिकार, अधिपति
अनुपीछे/समानअनुकरण, अनुसर, अनुशासन
अपबुरा/हीनअपयश, अपमान, अपकार
अभिसामने/चारो ओरअभियान, अभिषेक, अभिनय
अवहीन/नीचअवगुण, अवनति, अवतार
तक/समेतआजीवन, आगमन, आरक्षण
उत्ऊँचा/उपरउद्गम, उत्कर्ष, उत्तम
उपनिकट/सदृशउपदेश, उपवन, उपमंत्री
सुअच्छा/अधिकसृजन, सुगम, सुपात्र
अ/अनअभाव/निषेधअभाव, अटल, अनपढ़, अनबन
दुकम/बुरादुबला, दुधारू, दुलारा
अधआधाअधपका, अधमरा
परदूसरा/बाद कापरलोक, परोपकार, परहित
निकमीनिडर, निहत्था, निकम्मा
कमथोडा/हीनकमबख्त, कमजोर
खुशअच्छाखुशबू, खुशखबरी, खुशनसीब
हरप्रत्येकहरपल, हरदिन, हरबार
नाअभावनापसंद, नासमझ, नालायक
बदबुराबदबू, बदमाश, बदनाम
सरमुख्यसरपंच, सरताज, सरकार
हमसमान/साथवालाहमदर्दी, हमदम, हमउम्र
सहसाथसहपाठी, सहकर्मी, सहयोगी
पुनर्फिरपुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्विवाह
समसमानसमकोण, समदर्शी, समकालीन
बहिर्बाहरबहिष्कार, बहिर्गमन
पुरापुरातनपुरावृत्त, पुरातत्व
सत्सच्चासज्जन, सत्कर्म, सदाचार
लारहितलापरवाह, लाचार, लाजवाब, लावारिस
गैरनिषेधगैरकानुन, गैरमुल्क, गैरहाजिर
सबअधीन/नीचेसब-इंस्पेक्टर, सब-कमेटी
दिप्टीसहायकदिप्टी-मिनिस्टर, दिप्टी-रजिस्ट्रार, दिप्टी-कलेक्टर
दरमेंदरअसल, दरहकीकत
वाइससहायकवाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसिडेंट
और/अनुसारबनाम, बगैर, बदस्तूर, बदौलत
जनरलप्रधानजनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी
बासहितबाकायदा, बाइज्जत
चीफप्रमुखचीफ़-मिनिस्टर, चीफ़-इंजिनियर
बेबिनाबेईमान, बेवकूफ, बेइज्जत, बेचारा
हेडमुख्यहेडमास्टर, हेड क्लर्क
लारहितलापरवाह, लाचार, लाजवाब
अधःनीचेअधःपतन, अधोमुखी
अभावअशोक, अकाल, अनीति
चिरबहुत देरचिरंजीवी, चिरकुमार, चिरायु
सम्उत्तम/साथ/पूर्णसंस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव
निरनिषेध/रहितनिर्दोष, निर्जन, निराकार, निर्भय
परिपूर्ण/चारो ओरपरिक्रमा, पर्यावरण, परिवर्तन, परिचय
अलनिश्चितअलबत्ता, अलगरज, अलकायदा
कुबुरा/हीनकुमार्ग, कुसंगति, कुमाता
विविशेष/अभावविज्ञान, वियोग, विजय
प्रअधिक/उपरप्रभाव, प्रख्यात, प्रमुख
निस्/निर्निषेधनिर्मम, निर्धन, निरपराध, निर्वाह

लेख के बारे में – इस आर्टिकल में हमने जाना की उपसर्ग किसे कहते हैं और उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं | हिंदी व्याकरण के अन्य आर्टिकल पढने के लिए हमे teligram पर फॉलो करें |

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