कंप्यूटर के प्रकार। Types of Computer
कंप्यूटर एक अत्यंत उपयोगी उपकरण है. आजकल अधिकांश क्षेत्रों में कंप्यूटर की सहायता ली जाती है. एक कंप्यूटर सभी कार्य नहीं कर सकता. इसलिए विभिन्न कार्यों में प्रयोग के लिए अलग-अलग प्रकार के कंप्यूटर बनाए गए हैं.
आकृति और उपयोग के आधार पर कंप्यूटर को दो वर्गों में बाटा गया है –
- आकर या आकृति के अनुसार कंप्यूटर के प्रकार
- उपयोग के अनुसार कंप्यूटर के प्रकार
आकृति के अनुसार कंप्यूटर के प्रकार
सभी कंप्यूटर आकार में एक जैसे नहीं होते, कुछ कंप्यूटर बड़े तथा कुछ कंप्यूटर छोटे भी होते हैं, आकृति (size) के बनावट के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं।
- माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
- मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
- सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
1. माइक्रो या पर्सनल कंप्यूटर। Micro or Personal Computer
माइक्रो कंप्यूटर आकार में छोटे होते हैं, इसे पर्सनल कंप्यूटर के रूप में भी जाना जाता है, यह एक डिजिटल कंप्यूटर है जो माइक्रोप्रोसेसर पर काम करता है, माइक्रो कंप्यूटर व्यक्तिगत उपयोगकर्ता के लिए डिज़ाइन की जाने वाली व्यक्तिगत कंप्यूटर हैं ये कंप्यूटर छोटे आकार और कम लागत वाले होता हैं। इस पर एक बार में केवल एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है। माइक्रो कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं।
- डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer)
- लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer)
- पामटॉप कंप्यूटर (Pom top Computer)
A. डेस्कटॉप कंप्यूटर। Desktop Computer
यह विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है डेस्कटॉप कंप्यूटर को एक डेस्क पर उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसे स्थानांतरित (एक जगह से दूसरी जगह) करना मुश्किल होता है। इसका प्रयोग अधिकतर रूप से दुकानों घर में स्कूलों या लघु उद्योग में होता है होता है।
B. लैपटॉप कंप्यूटर। Laptop Computer
लैपटॉप कंप्यूटर डेस्कटॉप कंप्यूटर की तरह ही कार्य करता है, लेकिन यह आकार में उसकी तुलना बहुत छोटा होता है। यह ब्रीफकेस की तरह होता है, इसे इस प्रकार डिजाईन किया गया है कि इसे स्थानांतरित करना बहुत आसान होता है, इस कंप्यूटर में कंप्यूटर के सभी मुख्य उपकरण एक ही में इंक्लूड होते हैं।
C. पामटॉप कंप्यूटर। Pom-top Computer
यह कंप्यूटर आकार में बहुत छोटा होता है, यह इतना छोटा होता है कि-कि इसे अपनी जेब में भी रख सकते हैं। इसमें एक टच-सेंसिटिव स्क्रीन होती है, यह भी बैटरी से चलता है जिसे बिजली से चार्ज किया जा सकता है। इसकी संग्रहण क्षमता काफी कम होती है।
2. मिनी कंप्यूटर। Mini Computer
यह माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं, यह माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा और मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता हैं, इसका प्रयोग ट्रैफिक कंट्रोल, बैंकों में तथा बड़ी-बड़ी कंपनियों में किया जाता हैं। इस कंप्यूटर पर एक साथ कई व्यक्ति काम कर सकते हैं। इसकी संग्रहण क्षमता भी अधिक होती है।
3. मेनफ्रेम कंप्यूटर। Mainframe Computer
यह एक मल्टी-प्रोसेसिंग और मल्टी-यूजर कंप्यूटर है। इस पर एक ही समय में कई प्रोग्राम, कई यूजर रन कर सकते हैं। इसे मध्य श्रेणी सर्वर (Server) के रूप में भी जाना जाता है, यह व्यापार, प्राइवेट सेक्टरो, वित्तीय डेटा और अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है। इस कंप्यूटर की संग्रहण क्षमता और गति मिनी कंप्यूटर से भी अधिक होती है।
4. सुपर कंप्यूटर। Super Computer
यह कंप्यूटर अन्य सभी कंप्यूटरों की अपेक्षा अधिक गति और क्षमता वाले होते हैं। इनका इस्तेमाल मौसम जानकारी, उपग्रह या अंतरिक्ष विभाग तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में होता है। यह सबसे बड़ा कंप्यूटर होता है। इनमे एक से अधिक C.P.U. होते है, जिससे इनकी गति सबसे अधिक तेज़ व अधिक क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं। यह अत्यंत शक्तिशाली और महंगे होते हैं। भारत का अपना सुपर कंप्यूटर परम और अनुराग हैं।
कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर के तीन प्रकार होते हैं।
- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)
1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) वे कंप्यूटर होते है, जो परिणाम को एनालॉग सिगनलो में व्यक्त करता है। अर्थात एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) का इस्तेमाल भौतिक राशियों जैसे-दाब, तापमान, लंबाई, आदि को मापने में किया जाता है और ये उनका परिणाम अंको में परिवर्तित कर हमे दिखाते हैं। ऐसे कंप्यूटर का प्रयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रो में ज़्यादा होती है। थर्मामीटर इसका दैनिक जीवन में उदहारण हैं।
2. डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
डिजिटल (Digital) में डिजिट ‘Digit’ शब्द का अर्थ ‘अंक’ होता है, तो इससे यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल कंप्यूटर नंबर सिस्टम पर काम करता है, यह Binary Number ‘0’ और ‘1’ के बाइनरी संख्या पद्धति (Binary Number System) पर काम करता है, यह हमेशा सही परिणाम देता है, जब तक इसे सही इनपुट दिया जाए. कैलकुलेटर, डिजिटल वाच और कंप्यूटर इसके उदहारण हैं।
3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)
नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि इस कंप्यूटर में हाइब्रिड (Hybrid) यानी की अनेक गुण होते हैं, इसमें एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर के गुण होता हैं, यह रिजल्ट को एनालॉग और डिजिटल दोनों फॉर्म में व्यक्त करता है। फ्यूल स्टेशन पर लगा तेल निकालने का मशीन इसका उदहारण है, जिसमे आयल का मापन एनालॉग तथा प्राइस को डिजिटल फॉर्म में दिखता है।