नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में; इसमें हम पढ़ेंगे कि कोशिका किसे कहते हैं (Koshika Kise Kahate Hain) साथ ही हम कोशिका की संरचना और कोशिका के प्रकार भी पढेंगे, तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं कि कोशिका किसे कहते हैं-

कोशिका किसे कहते हैं (Koshika Kise Kahate Hain)
कोशिका सभी जीवों में पाई जाने वाली संरचनात्मक एवं क्रियात्मक सबसे छोटी इकाई होती है, सभी सजीवों का शरीर कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, यह शरीर की सबसे छोटी इकाई होती सजीवों की सभी जैविक क्रियाएँ कोशिकाओं के अन्दर ही होती है।
Koshika Kise Kahate Hain – कोशिका का बायोलॉजिकल नाम Cyto होता है, जबकि इसे अंग्रेज़ी में (Cell) कहते हैं, जिसे लैटिन भाषा के ‘शेलुला’ शब्द से लिया गया है, जिसका सामान्य अर्थ होता है “एक छोटा-सा कमरा”, कोशिका के बारे में अध्धयन Cytology कहलाता है।
कोशिका में स्वतः जनन की क्षमता होती है, अर्थात नई कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्ववर्ती कोशिकाओं के विभाजन से होता है, इसे ही कशिकीय विभाजन कहते हैं। यह जीवों के उत्पादन, उत्सर्जन और जीवनचक्र के विकास में सहायक सभी जैविक क्रियाओं के विकास में सहायक होती है।
यह प्रत्येक जीवधारी की संरचना की मूल इकाई है, सभी पौधे तथा जंतु एक अथवा अनेक कोशिकाओं से मिलकर बनी होती हैं। जीवधारियों का विशिष्ट आकार, आकृति और सभी जैविक क्रियाएँ इन्हीं द्वारा सम्पादित होती हैं।
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कोशिका की खोज कैसे हुई?
ऊपर हमने पढ़ा कि कोशिका किसे कहते हैं? (Koshika Kise Kahate Hain), अब कोशिका की संरचना पढ़ लेते हैं। कोशिका की खोज सबसे पहले राबर्ट हुक ने 1665 ई. में की थी, उन्होंने सूक्ष्मदर्शी की मदद से कॉर्क के टुकड़े की कोशिका देखी थी, लेकिन ल्यूवेनहाक सन 1674 ई. में पहली बार बैक्टीरिया के रूप में मुक्त कोशिकाओं की खोज की थी।
सन 1831 ई. में राबर्ट ब्राउन ने कोशिका में केन्द्रक (Nucleus) की खोज की थी। जिसके बाद सन 1838 ई. में मैथियास श्लाइडेन नमक वैज्ञानिक ने कोशिका पर निरिक्षण किया और बताया की, जीवधारियो का शरीर अनेक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है और कोशिका मिलकर उत्तक बनाते हैं।
कोशिका की संरचना
कोशिका की संरचना इतनी सूक्ष्म होती हैं कि इन्हें उच्च आवर्धन क्षमता के शुक्ष्म्दर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है, लेकिन इसकी मदद से आन्तरिक संरचना को स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता है, इसलिए कोशिका की संरचना को समझने के लिए इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है। जिसकी आवर्धन क्षमता 105 के कोटिमान की होती है।
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कोशिका कितने प्रकार के होते हैं?
संरचना के आधार पर कोशिकाएँ दो प्रकार की होती है।
प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ (Prokaryotic Cells)
ऐसी कोशिकाएँ जिनमे केन्द्रक कला नहीं पाया जाता है तथा जिनकी केन्द्रकीय पदार्थ कोशिका द्रव में बिखरे होते हैं, उन्हें प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ कहते हैं। इन कोशिकाओं में सुसंगठित केन्द्रक (Nucleus) नहीं पाया जाता। इनमें क्रोमेटिन (Chromatin) पदार्थ गुणसूत्रों (Chromosomes) में संगठित नहीं होता।
यह केवल डी.एन.ए. (D.N.A.) सूत्र के रूप में पाया जाता है। इसके अलावा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में कलाबद्ध कोशिकांग (जैसे-माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीकाय, लवक आदि) अनुपस्थित होते हैं। बैक्टीरिया एवं नीले-हरे शैवालों में ये कोशिकाएँ पाई जाती है।

यूकैरियोटिक कोशिकाएँ (Eukaryotic cells)
ऐसी कोशिकाएँ जिनकी रचना में दोहरी झिल्ली के तथा केंद्रक आवरण होता है, यह झिल्ली कोशिका नाभिक को सीमांकित करती है जिसमे इसकी अधिकांश आनुवंशिक सामग्री (DNA) मौजूद होता है। इन कोशिकाओं में सुगठित केन्द्रक पाया जाता है जो केन्द्रक-कला (Nuclear membrane) से घिरा होता है।
इसके अतिरिक्त इन कोशिकाओं में माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीकाय, लवक आदि सभी कलाबद्ध कोशिकांग होते हैं। बैक्टीरिया तथा नीले-हरे शैवालों के अतिरिक्त सभी जीवों की कोशिकाएँ यूकैरियोटिक होती हैं। कोशिका भित्ति (Cell Wall) और केंद्रक (Nucleus) इसके महत्त्वपूर्ण भाग हैं।

कोशिका का आकार और आकृति
कोशिका का व्यास 0.5 माइक्रान से 20 माइक्रान तक होता है। यह इतने सुक्ष्म होते हैं कि इन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
अब तक की सबसे कोशिका माइकोप्लाज्मा लैडलवाई (Mycoplasma Laidlawii) में (प्ल्यूरोन्यूमोनिया लाइक ऑर्गेनिज्म PPLO) कोशिका है, इसका व्यास 0.3 माइक्रॉन तक होता है। जबकि अब तक की सबसे बड़ी ज्ञात कोशिका शुतुर्मुगके अंडे में होती है। इसका व्यास 135 मिमी. से 170 मिमी. तक होता है।

एसिटेबुलेरिया (Acetabularia) नामक शैवाल जो एक ही कोशिका का बना होता है लगभग 10 सेमी. लम्बा होता है। अलसी, जूट या सनई जैसे रेशेदार पौधों में लम्बी-लम्बी तन्तु जैसी कोशिकाएँ होती हैं जिनकी लम्बाई 2 सेमी. से 55 सेमी. तक पायी जाती है।
जन्तुओं के शरीरों में तंत्रिका कोशिकाएँ (Nerve cells), जो सूचनाओं को विभिन्न अंगों से मस्तिष्क तथा मस्तिष्क से विभिन्न अंगों तक ले जाती हैं, 90 सेमी. से 1 मीटर तक या इससे भी अधिक लम्बी हो सकती हैं।
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कोशिकाओं की आकृति (Shape) उनके कार्य और शरीर में स्थान के अनुसार अलग-अलग होती हैं। सामान्य कोशिकाएँ गोलाकार, अण्डाकार, बेलनाकार, पंचकोणीय, षट्कोणीय एवं लम्बी छड़ अथवा तार के समान आकृति की होती हैं।
कोशिका का कार्य क्या है
जैसा की हम सभी जानते हैं कि कोशिका मिल कर उत्तक बनाते हैं और उत्तक से अंग अतः हम कहा सकते हैं कि भिन्न-भिन्न कोशिकाओं का भिन्न-भिन्न कार्य होता है। कोशिका-भित्ति कोशिका के भीतरी कोमल अंगो की सुरक्षा करती हैं।
कोशिका से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
सबसे छोटी कोशिका कौन सी है?
माइकोप्लाज्मा लैडलवाई में सबसे छोटी कोशिका होती है।
सबसे बड़ी कोशिका का नाम क्या है?
शुतुर्मुगकेम के अंडे की कोशिका सबसे बड़ी कोशिका है।
मादा अंडा कोशिका (डिंब) मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है।
मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका नर युग्मक, यानी शुक्राणु है।
मनुष्य के शरीर में कितनी कोशिकाएं होती हैं?
मनुष्य के शरीर में निश्चित संख्या में कोशिका नहीं होती है, मानव में अरबों की संख्या में कोशिका होती है।
कोशिका की खोज किसने की थी? इसका पिता कौन है?
कोशिका की खोज राबर्ट हुक ने 1665 ई. में की थी, इन्हें ही Father of Cell कहते हैं।
Conclusion & Disclaimer:
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा कि कोशिका किसे कहते हैं (Koshika Kise Kahate Hain), हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी आवश्य समझ आयी होगी, इस लेख के बारे में अपने विचार आवश्य कमेंट करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए the eNotes को टेलीग्राम पर फॉलो करें।
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Sab kuch achhe se samjh aa gya
Good
This is super content. Thanks you
Thanks Babul Biswas
Hi sir
आपने हिन्दी कोशिका के बारे में बहुत अच्छा समझाया है