नमस्कार दोस्तों, एक बार से स्वागत है आपका the eNotes के नए आर्टिकल में, इस आर्टिकल में हम लोग पढ़ेंगे कि जल प्रदूषण क्या है साथ ही हम लोग जल प्रदूषण पर निबंध, जल प्रदूषण के कारण और जल प्रदुषण के चित्र भी देखेंगे।
जल प्रदूषण पर निबंध
जिस तरह हमें जीवित रहने के लिए ऑक्सिजन की ज़रूरत होती है, ठीक उसी तरह हमे जल की आवश्यकता होती है। जल प्राकृतिक द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है। सौरमंडल के सभी ग्रहों में सिर्फ़ पृथ्वी पर ही जीवन संभव है, यह जल के कारण ही है।
जल का उपयोग प्रतिदिन पीने, खाना पकाने, सफ़ाई करने, कपड़ा धोने, स्नान करने, सिंचाई, आग को बुझाने तथा विद्युत उत्पन्न करने जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। पृथ्वी पर सिर्फ़ 3% जल ही पीने योग्य है। फिर भी हम इस जल का संचयन करने के बजाय इसे अनियंत्रित ढंग से प्रयोग करते हैं।
जल प्रदूषण क्या है?
जब विषैले पदार्थ जाकर जल में घुल या सड जाते है और तलहटी पर पड़े रहते हैं तो उनके हानिकारक तत्व जल से क्रिया कर जल गुणवत्ता को घटा देते हैं, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है। और इस प्रदूषित जल को ही जल प्रदुषण कहते हैं।

जल प्रदूषण के कारण
जल प्रदूषण के कई कारण हैं। (जैसे-कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, नालियों का पानी नदी में मिलना) लेकिन हम इसे दो भाग में बात सकते हैं।
- प्राकृतिक कारण
- मानवीय कारण
जल प्रदूषण का प्राकृतिक कारण-
वर्षा के जल को शुद्ध जल का सबसे बड़ा श्रोत माना जाता है, लेकिन वायुमंडल में उपस्थित गैसों, धुल के कणों आदि से मिलने के बाद वर्षा का जल भी दूषित हो जाता है। जंगल से गुजरने वाली नदियों में पेड़-पौधों के पत्ते और जानवरों के मल तथा उनके अपशिस्ट पदार्थ जल में मिल कर नदियों के जल को भी दूषित कर देता है।
समुंद के अन्दर मरने वाले जीव और भयानक बिस्फोटक ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा और अन्य दूषित गैसों के सम्पर्क से समुन्द्र का जल भी दूषित हो जाता है। उपर्युक्त ये सभी जल प्रदुषण के प्राकृतिक कारण हैं।
घरेलु और औद्योगिक बहिःस्राव जल प्रदुषण के मुख्य मानवीय कारण हैं, इनके अलावा कृषि, तेल रिसाव, मूर्ति विसर्जन और अन्य अपशिष्ट पदार्थ जैसे-उपयोग के बाद प्लास्टिक या बोतलों को फेक देना।
कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट नालों से होते हुए नदी और फिर समुन्द्र से मिलते हैं, जिस कारण जल दूषित होता है, कृषि क्षेत्र में अनुचित गतिविधियाँ जैसे अधिक रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से अनाज का उत्पादन तो अच्छा होता है, लेकिन उसके बाद बरसात के मौसम यह उर्वरक बकर किसी गड्ढ़े या नाले में इकट्ठा हो जाते हैं जो भू-जल को दूषित करता है।
इसके अलावा सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज, जैसे पानी में शव को बहाने, नहाने, कचरा फेंकने नदी में मूर्ति विसर्जन करने से नदी का जल दूषित होता है। समुन्द्र में तेल रिसाव और शोधन से तेल भी जल के साथ क्रिया करके जल को दूषित करता हैऔर तो और उस जगह पर उपस्थित जीव जंतु मर जाते हैं, जो जल प्रदुषण के मुख्य मानवीय कारणों में से एक हैं।
जल प्रदूषण का चित्र





लेख के बारे में-
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा कि जल प्रदूषण क्या है? साथ ही आपने जल प्रदुषण के कारण और जल प्रदुषण के चित्र भी देखें। हमें उम्मीद है कि उर्युक्त दी गयी जानकारी आपके लिए अवश्य फायदेमंद रही होगी और इस बीच अगर इसमें कोई पॉइंट छुट गया हो तो कमेंट कर बताईये हमारी टीम उसे जल्द ही पब्लिश करने की कोशिश करेगी।
विशाल सरस्वती जी और उनकी टीम का बहुत धन्यवाद जो इतना अच्छे से आपने इस सामाजिक समस्या के लिए लेख लिखा . यह लेख विद्केयार्थियों के लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा और वे जब इस तरह ध्यान देंगे तो जरुर इस सामाजिक समस्या में भी कमी आएगी .
आपने बहुत ही सरल शब्दों में इस जटिल समस्या के बारे में बताया है
हमें ख़ुशी हुई कि आपको यह लेख पसंद आया, आप जैसों के कारण ही हमे इस प्रकार के लेख लिखने कि प्रेरणा मिलती है |