प्रिय पाठक! स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इस आर्टिकल में हम जायद की फसल (Jayad Ki Fasal) के बारे में पढेंगे साथ ही हम यह भी जानेंगे कि जायद की फ़सल कब बोई जाती है और इसके कुछ प्रमुख फसलों के नाम भी देखेंगे।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में मौसमी चक्र के अनुसार तीन तरह के फसलों की बोआई होती है, जिनमे से एक जायद की फसल (Jayad Ki Fasal) भी है, इससे पहले हम खरीफ की फ़सल और रबी की फ़सल के बारे में पढ़ चुके हैं। तो आईये विस्तार से जानते हैं रबी की फ़सल के बारे में-
जायद की फसल : Jayad ki Fasal
यदि किसी गाँव की सिंचाई जल की पक्की व्यवस्था है तो इन फसलों की बुवाई फरवरी-मार्च में की जा सकती है और ये फसलें अप्रैल-मई में पककर कटाई के लिये तैयार हो जाती हैं। इस दौरान भीष्ण गर्मी, तेज गर्म, हवाएँ तथा लू चलती हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करके उगाने की क्षमता इन फसलों में पाई जाती हैं।
जायद फसल किसे कहते हैं
भारत में जिन फसलों की बुवाई फरवरी-मार्च में तथा जिनकी कटाई अप्रैल-मई के महीने में होती है, उन्हें जायद की फसल (Jayad ki Fasal) कहते हैं | इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मूख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं।
जायद की फसल कौन सी है?
जायद की कुछ फसलों के नाम निम्नलिखित हैं-
- ककड़ी
- खरबूजा
- खीरा
- तरबूज
- कपास
- जूट
- टिण्डा
- मक्का
- चना
- हरा चारा
- तोरई
- मूंग
- उर्द
- सूरजमुखी
- मूंगफली
इनके अलावा जहाँ सिंचाई की व्यवस्था मजबूत होती है, वहां इस समय धान की खेती भी होती है।
लेख के बारे में-
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा कि जायद की फसल (Jayad ki Fasal) किसे कहते हैं और साथ ही आपने कुछ जायद की फसलों के नाम भी जानें, हमे उम्मीद है कि आप जो जानकारी ढूढ़ रहे थे वह आपको इस आर्टिकल अवश्य मिली होगी।
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