नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इसमें हम जैव प्रक्रम-Jaiv Prakram (Jaiv Prakram Kya Hai) पढेंगे। इससे पहले हम पोषण तथा श्वशन के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं। तो चलिए शुरू करते हैं कि, Jaiv Prakram Kya Hai –
जैव प्रक्रम (Jaiv Prakram Kya Hai)
जैसा की आप सभी जानते हैं कि सभी जीवधारियों में उनकी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उनके शरीर में कुछ क्रियाएँ चलती रहती है, जो उनके जीवित रहने हेतु आवश्यक होती हैं। जीवधारियों के शारीर में चलने वाली इसी प्रक्रिया को-को जैव प्रक्रम (Jaiv Prakram) या जैव प्रक्रियाएँ कहते हैं। ये प्रक्रियाएँ, निम्नवत् हैं—
- पोषण (Nutrition)
- श्वंसन (Respiration)
- परिवहन तथा परिसंचरण (Transport and Circulation)
- उत्सर्जन (Excretion)
- प्रजनन (Reproduction)
- नियंत्रण एवं समन्वयन (Control and Co-ordination)
पोषण (Nutrition) –
समस्त जीवधारियों को कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है और उर्जा की पूर्ति भोजन द्वारा होती है। सजीवों द्वारा ग्रहण किया जाने वाला भोजन सीधे शरीर में अवशोषित नहीं होता। इसमें सबसे पहले भोजन का पाचन (Digestion) होता है।
जिसके बाद भोजन वाहिनियों द्वारा जीवधारी के शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचती है। कोशिकाओं में संग्रहीत भोजन का जब कोशिकीय श्वसन द्वारा ऑक्सीकरण होता है तो ऊर्जा मुक्त होती है। जो कोशिकीय प्रक्रियाओं के संचालन में काम आती है और इन्हीं क्रिया से प्राप्त उर्जा पोषण कहलाता है।
श्वंसन (Respiration) –
ऐसी जैविक क्रिया जो ऑक्सीकरण द्वारा खाद्य पदार्थों से रासायनिक ऊर्जा मुक्त करती है, श्वसन कहलाती है। इस क्रिया में कार्बोहाइड्रेटों के ऑक्सीकरण द्वारा विघटन से कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) और जल बनता है तथा ऊर्जा मुक्त होती है। इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है-
परिवहन और परिसंचरण (Transport and Circulation)
शरीर की सभी कोशिकाओं को अपने रख-रखाव तथा उत्तरजीविता के लिए ऑक्सीजन, जल तथा पोषक पदार्थों (Nutrition) की आवश्यकता होती है।
इन्हें सभी कोशिकाओं को उपलब्ध कराये जाने के लिए ऑक्सीजन, जल, पोषक पदार्थ तथा अन्य पदार्थ शरीर के विभिन्न अंगों द्वारा ग्रहण किये जाने के बाद, शरीर के एक भाग से दूसरे भागों तक ले जाये जाते हैं।
शरीर में पदार्थों के इस स्थानान्तरण को परिसंचरण (Circulation) कहते हैं। अथवा शरीर के एक भाग द्वारा अवशोषित अथवा संश्लेषित पदार्थों का स्थान्तरण दुसरे भाग तक होने की क्रिया परिवहन कहलाती है।
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उत्सर्जन (Excretion)
सजीव कोशिकाओं के अन्दर विभिन्न प्रकार की जैव-रासायनिक क्रियाएँ होती रहती हैं। इन क्रियायों के समय कुछ बेकार एवं विषैले पदर्थ उत्पन्न होते हैं जो कोशिकाओं अथवा शरीर के लिए उपयोगी नहीं होते हैं। इन्हीं पदार्थों को उत्सर्जन की क्रिया में शरीर बाहर निकाल देता है।
प्रजनन (Reproduction)
प्रजनन वह प्रक्रम है जिसके द्वारा जीव अपनी ही जैसी अन्य उर्वर सन्तानों की उत्पत्ति करता है और अपनी संख्या में वृद्धि कर अपनी जाति के अस्तित्व को बरकरार रखकर उसे विलुप्त होने से बचाता है।
नियंत्रण एवं समन्वयन (Control and Co-ordination)
जीवधारियों के शरीर में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध ऐसी रासायनिक और शरीर क्रियात्मक व्यवस्था जिसके द्वारा शारीरिक क्रियाएँ आवश्यकतानुसार नियंत्रण में रहती हैं और विभिन्न अंगों के बीच आपसी ताल-मेल बना रहता है नियंत्रण और समन्वयन कहलाती है।
Conclusion & Disclaim
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