क्या आप जानते हैं कि प्रत्यय किसे कहते हैं और प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं? अगर नहीं तो आज हम इसके बारे में पढेंगे और साथ ही इसके कुछ उदाहरण भी देखेंगे। इससे पहले हमने जाना था कि उपसर्ग किसे कहते हैं?
आप इस आर्टिकल में पढेंगे -
प्रत्यय की परिभाषा
प्रत्यय शब्द ‘प्रति’ और ‘अय’ शब्द से मिलकर बना हैं, जिसमे ‘प्रति’ शब्द का अर्थ (साथ में लेकिन बाद में) तथा ‘अय’ शब्द का अर्थ पीछे चलना है। अर्थात जो शब्दांश शब्दों के अंत में जुडकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण-आइन (पण्डित + आइन = पण्डिताइन)
‘आइन’ शब्द का कोई ख़ास अर्थ नहीं होता है, लेकिन जब यही शब्द पण्डित शब्द के पीछे लगता है तो पण्डित शब्द का अर्थ बदल देता है। तो यहाँ ‘आइन’ शब्द प्रत्यय है।
Note: प्रत्यय का अपना कोई अर्थ नहीं होता है और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
प्रत्यय के प्रकार-Type of Suffix
प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं। – कृत् प्रत्यय और तध्दित प्रत्यय
कृत् प्रत्यय किसे कहते हैं?
जो प्रत्यय क्रिया के मूल रूप के अंत में जुडकर संज्ञा या विशेषण शब्द की रचना करते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे-
- पाठ + क = पाठक
- घट् + अना = घटना
उपर्युक्त उदाहरण में ‘पाठ’ मूल शब्द है, जिसके मूल रूप के अंत में ‘क’ (प्रत्यय) जुड़ने के बाद बना नया शब्द पाठक संज्ञा शब्द है, अतः यहाँ ‘क’ कृत् प्रत्यय है।
तध्दित प्रत्यय किसे कहते हैं?
जब संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण आदि शब्दों के अंत में कोई प्रत्यय जुड़कर नये शब्द की रचना करते हैं, तो उन्हें तध्दित प्रत्यय कहते हैं। जैसे-
- पण्डित + आई = पंडिताई
- पंच + आयात = पंचायत
उपर्युक्त उदाहरण में ‘पण्डित’ संज्ञा शब्द है, जिसके अंत में ‘आई’ प्रत्यय जुड़ने से नया शब्द पंडिताई की निर्माण हुआ है। अतः यहाँ ‘आई’ तध्दित प्रत्यय है।
कुछ प्रमुख प्रत्यय और उसके उदाहरण
प्रत्यय | नवीन शब्द |
---|---|
अक | लेखक, पाठक, गायक |
अन | नयन, सहन, पालन, चरण |
आई | लिखाई, पढाई, मिठाई |
त्व | कवित्व, प्रभुत्व, घनत्व, साधुत्व, ममत्व, देवत्व, लघुत्व |
आ | भूखा, सूखा, पूजा, भागा, दौड़ा, पकड़ा |
अना | घटना, तुलना, वंदना` |
ता | एकता, घनिष्ठता, मधुरता, जटिलता, महानता, सुंदरता |
वा | दिखावा, चढ़ावा, पहनावा, बुलावा, पछतावा |
अनीय | माननीय, पूजनीय, दर्शनीय, रमणीय |
आन | उड़ान, दौड़ान, मिलन |
पन | भोलापन, बचपन, पागलपन, कालापन, ढीलापन, मैलापन |
हट | कड़वाहट, घबराहट, चिल्लाहट, जगमगाहट, आहट, सरसराहट |
इ | हरि, माली, गिरी, दाशरथि |
ते | खाते, पिते, जाते |
ति | भक्ति, शक्ति, प्रीति, अति |
ता | आता, जाता, बहता, मरता, गाता |
उक | इच्छुक, भिक्षुक |
ई | हँसी, बोली, रेती, त्यागी |
इयल | मरियल, सडियल, अड़ियल |
इत्र | पवित्र, चरित्र, खनित्र |
इत | पठित, व्यस्थित, फ़लित, पुष्पित |
इया | बढ़िया, घटिया, जडिया, छलिया |
त्र | सर्वत्र, अस्त्र, वस्त्र, अन्यत्र |
न | वंदन, बेलन, लेंन, मंदन |
ना | पढना, लिखना, बोलना, गाना, नाचना |
म | धाम, दाम |
हार | होनहार, रखनहार |
य | गद्य, पद्य, पांडित्य, कृत्य |
या | विद्या, दिव्या, मृगया |
वैया | खवैया |
ऐया | गवैया, बचैया, रखैया |
वाला | दिलवाला, आनेवाला, पढनेवाला |
रु | गेरू |
वी | मेधावी, मायावी, तपस्वी |