जैसा की हम जानते हैं कि किसी भी भाषा को जानने / समझने से पहले हमें उस भाषा के व्याकरण को समझना होता है और इसी लीक पर हम हिन्दी व्याकरण पढ़ रहे हैं और इसी के अंतर्गत हमने वर्ण विचार को पढ़ा तथा इस लेख में हम शब्द विचार (Shabd Vichar) और शब्दों के वर्गीकरण के बारे में पढेंगे और साथ ही साथ हम यह भी पढेंगे की शब्द किसे कहते हैं?
शब्द विचार (Shabd Vichar)
हिंदी व्याकरण के तीन खंड होते हैं: वर्ण, शब्द एवं वाक्य विचार। शब्द विचार हिन्दी व्याकरण का दूसरा भाग है। इसके अंतर्गत ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह जैसे-भेद-उपभेद, संधि-विच्छेद आदि को पढ़ा जाता है।
शब्द किसे कहते हैं?
“एक से अधिक ध्वनियों (वर्णों) के मेल से बने सार्थक ध्वनि-समूह (वर्ण समुदाय) को शब्द कहते हैं, जैसे-फूल, लड़का आदि।”
शब्दों का वर्गीकरण
शब्दों के चार भेद होते हैं-
- प्रयोग के आधार पर
- बनावट या रचना के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
- उत्पत्ति एवं श्रोत के आधार पर
प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
प्रयोग के आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं-
1. विकारी शब्द –
वाक्यों में प्रयोग में प्रयोग करते समय लिंग, कारक और वचन आदि के अनुसार जिन शब्दों के रूप में परिवर्तन हो जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। जैसे-
लिंग: लड़का खेलता है। = लड़की खेलती है।
कारक: लड़का खेलता है। = लडके को खेलने दो।
वचन: लड़का खेलता है। = लडके खेलते हैं।
विकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं।
- संज्ञा (noun)
- सर्वनाम (pronoun)
- विशेषण (adjective)
- क्रिया (verb)
2. अविकारी शब्द –
जिन शब्दों के रूप में कभी परिवर्तन नहीं होता है, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। सभी क्रिया विशेषण, सबंधबोधक, समुच्यबोधक, तथा विस्मायदिबोधक अव्वय शब्द अविकारी शब्द कहलाते हैं। उदाहरण-तथा, किन्तु, परन्तु, अधिक तेज़, आदि।
बनावट या रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं।
1. रूढ़ शब्द –
ऐसे शब्द जो किसी निश्चित अर्थ को प्रकट करते हैं लेकिन अगर उनके टुकड़े (खंड) कर दिए जाएँ तो वे निरर्थक हो जाते हैं। ऐसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते हैं। जैसे-फल, फल एक रूढ़ शब्द है, जो एक निश्चित अर्थ प्रकट करता है। लेकिन अगर फ और ल को अलग कर दिया जाये तो इनका कोई अर्थ नहीं रह जायेगा।
2. यौगिक शब्द –
दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बनने वाले शब्दों को यौगिक शब्द कहते हैं। यौगिक शब्दो के खंड (टूकडे) करने पर भी उन खंडो के अर्थ निकलते हैं। जैसे-पाठशाला-पाठ + शाला शीशमहल-शीश + महल
3. योगरूढ़ शब्द –
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो एक या एक से अधिक शब्दों के मेल से बनते हैं किन्तु अपने सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। इस प्रकार के शब्द योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। ऐसे शब्दों को बहुव्रीहि समास भी कहते हैं। जैसे-नीलकंठ-नीले कंठ वाला अर्थात शिव भगवान, पंकज: कीचड़ में उत्पन्न होने वाला अर्थात कमल
अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं-
1. सार्थक शब्द-
जो शब्द किसी अर्थ का बोध करते हैं, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं, जैसे घर, पुस्तक, नगर, क्षेत्र आदि।
2. निरर्थक शब्द-
जिन शब्दों से कोई अर्थ न निकले, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं, रोटी-ओटी, खाना-वाना, ताला-वाला आदि।
उत्पत्ति या श्रोत के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं-
1. तत्सम शब्द-
ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई ओर वे हिन्दी भाषा में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग में आने लगे, ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे-दुग्ध, पुष्प, दही, आम्र आदि।
2. तद्भव शब्द-
ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई थी लेकिन उनका रूप बदलकर हिन्दी में-में प्रयोग किये जाते है, तद्भव शब्द कहलाते हैं। दूध, फूल, दही, आम आदि
3. देशज शब्द-
जो शब्द देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं, उन शब्दों को देशज शब्द कहा जाता है। ऐसे शब्द स्थानीय बोलियों से उत्पन्न होते हैं और उसके बाद हिन्दी में जुड़ जाते हैं। जैसे-लोटा, पगड़ी, झाड़ू, ठोकर, खिड़की आदि।
4. विदेशी शब्द-
विदेशी भाषाओ से हिन्दी में ज्यो के त्यों (बिना किसी बदलाव के) प्रयोग किये जाते है, विदेशी शब्द कहलाते हैं। जैसे-स्कूल, डाक्टर, काग़ज, कर्फ्यू, कारतूस, आदि
दो भिन्न-भिन्न भाषाओ के मेल से बने शब्दों के संकर शब्द कहते हैं। जैसे-लाठीचार्ज-लाठी (हिंदी) + चार्ज (अंगेजी)
लेख के बारे में – इस आर्टिकल में हमने शब्द विचार पढ़ा और यह भी जाना कि शब्द किसे कहते हैं है, इससे पहले theeNotes.com पर वर्ण विचार और वाक्य विचार पब्लिश हो चुके हैं। हिन्दी व्याकरण से अन्य पोस्ट पढ़ते रहने के लिए हमे telegram पर फॉलो करें।
sir aap ne shabd ki jankari bahut hi achse di hai aur sir aap ka blog mughe bahut ache se samagh aata hai es liye mai aap ke sabhi post ko ache se padhta hu aur apne social media accounts se share krta hu aur aap se shikh kar mai bhi yek blog likha hu shabd ki paribhasha udaharad de kar
बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की है सर. पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
धन्यवाद रोहित जी,
मैने भी आपकी वेबसाइट विजिट की, आप भी बहुत अच्छा कर रहे हैं|