नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इस आर्टिकल में हम पढेंगे की वाक्य विचार (Vaky Vichar) , वाक्य किसे कहते हैं, (Vakya kise kahate hain) , साथ ही हम वाक्य के अंग और वाक्य प्रकार के साथ-साथ उनकी परिभाषा भी पढेंगे, तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं कि Vakya kise kahate hain.
वाक्य विचार (Vakya Vichar kise kahate hain)
हिंदी व्याकरण के तीन भाग होते हैं: वर्ण विचार, शब्द विचार एवं वाक्य विचार। वाक्य विचार (Vakya Vichar) हिन्दी व्याकरण का तीसरा भाग है। इसके अंतर्गत हम पढेंगे की वाक्य किसे कहते हैं, साथ ही हम वाक्य के अंग और वाक्य प्रकार भी पढेंगे, इससे पहले हम विराम चिन्ह, वाक्य शुद्धि, मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ आदि का अध्धयन कर चुके हैं |
वाक्य किसे कहते हैं? (Vakya kise kahate hain)
शब्दों का ऐसा सार्थक समूह जिससे वक्ता को पूरी बात समझ में आ जाये वाक्य कहलाता है। अथवा सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है। जैसे-शीला, रमेश की बहन है।
वाक्य के भेद- (Part of Sentence)
वाक्य के दो अंग होते हैं – उद्देश्य और विधेय
उद्देश्य (Subject) –
वाक्य में जिस व्यक्ति या वस्तु के विषय में कुछ कहा जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं, अर्थात वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे-गगन खेलता है। राम दौड़ता है। इन वाक्यों में गगन और राम के बारे में बताया गया है, अतः गगन और राम उद्देश्य हैं।
Note:- अधिकतर वाक्यों में कर्ता ही उद्देश्य होता है।
विधेय (Predicate) –
वाक्य के उद्देश्य (कर्ता) के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं। जैसे गगन ‘खेलता है‘। राम ‘दौड़ता है‘ इन वाक्यों में ‘खेलता है’ और ‘दौड़ता है’ विधेय है। या इसे यूँ समझा जा सकता है कि वाक्य से उद्देश्य को अलग करने के बाद जो भी बचता है, विधेय कहलाता है।
उद्देश्य विस्तार-
वाक्य में उद्देश्य कर्ता तो होता ही है परंतु कभी-कभी उद्देश्य में विशेषण शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है, जो उद्देश्य की विशेषता बताता है, उसे उद्देश्य-विस्तार कहते हैं; जैसे-
लड़की नृत्य कर रही है। » छोटी लड़की नृत्य कर रही है।
उपर्युक्त उदाहरण में ‘लड़की’ शब्द वाक्य में उद्देश्य है लेकिन इसके साथ ‘छोटी’ विशेषण शब्द जोड़ने के बाद उद्देश्य का विस्तार हो जा रहा है।
विधेय-विस्तार-
विशेषण, कर्म, क्रिया विशेषण आदि शब्द विधेय को विस्तार प्रदान करते हैं; जैसे-
- नानी जी खीर बना रही हैं » नानी जी मीठी खीर बना रही हैं
- गाय घांस खा रही है » गाय हरी घांस खा रही है
उपर्युक्त उदाहरण में ‘खीर बना रही हैं” वाक्य में विधेय है, लेकिन’ मीठी’ शब्द जोड़कर विधेय का विस्तार किया गया है।
वाक्य के प्रकार (Kinds of Sentence)
शब्द और अर्थ के आधार पर Vakya Vichar को 2 भागो में बाटा गया है-
अर्थ के आधार पर
अर्थ के आधार पर हिन्दी में वाक्य के 8 प्रकार होते हैं।
- विधानवाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- विस्मयादिबोधक वाक्य
जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने की सूचना मिले, उन्हें विधान वाचक वाक्य करते हैं इसे विधि वाचक वाक्य भी कहा जाता है। जैसे-
- मैंने दूध पिया।
- वर्षा हो रही है।
- सीता बहुत बीमार है।
- राम पढ रहा है।
- गंगा हिमालय से निकलती है।
निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं (Negative Sentence) –
जिन वाक्यों से कार्य ना होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- मैंने खाना नहीं खाया।
- तुम मत करो।
- मै आज बाज़ार नहीं जाऊंगा।
- तुम ध्यान से नहीं सुन रहे हो।
- आज कोई नहीं सोयेगा।
आज्ञा वाचक वाक्य किसे कहते हैं (Imperative Sentence) –
जिन वाक्यों से आज्ञा, प्रार्थना, अनुमति, उपदेश आदि का बोध होता है, उन्हें आज्ञा वाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- एक गिलास पानी लाओ।
- खड़े हो जाओ।
- दरवाजा बंद करो
- कृपया शांति बनाये रखें
- अपना कार्य स्वयं करें।
- तुम बाज़ार नहीं जाओगे।
जिन वाक्यों से किसी प्रकार का प्रश्न पूछने का बोध होता है, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- तुम कहाँ गए थे?
- राम क्या करता है?
- क्या आज तुमने स्नान किया है?
- राधा आज स्कूल क्यों नहीं आई?
- तुम परीक्षा में फेल क्यों हो गए।
- आपकी बेटी कहाँ पढ़ती है?
- क्या तुम आज दिल्ली आ सकते हो?
इच्छावाचक वाक्य वाक्य किसे कहते हैं (Imperative Sentence) –
जिन वाक्यों से इच्छा, आशीष, आकांक्षा, कामना एवं शुभकामना आदि का बोध हो, उन्हें इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- भगवान आपको लंबी उम्र दें।
- आपकी यात्रा मंगलमय हो।
- आज मैं जमकर खाऊंगा।
- जन्मदिन मुबारक हो।
- ईश्वर आपको दीर्घायु दे।
- भगवान आपकी मनोकामना पूर्ण करे।
- वर्षगांठ की शुभकामनाएँ।
संदेह वाचक वाक्य (Sentence indicating Doubt) –
जिन वाक्यों से संदेह या संभावना व्यक्त होती है, उन्हें संदेह वाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- आज वर्षा होगी हो सकती है।
- हो सकता है कि वह आज स्कूल आए।
- शायद आज वह नहीं आयेगा।
- बहुत देर हो गयी है, अभी तो रेलगाड़ी जा चुकी होगी।
- संभतः वह सुधर जाएगा।
संकेतवाचक वाक्य (Conditional Sentence) –
जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- अगर वर्षा होगी तो फसल भी ठीक होगा।
- आज अगर भैया होते तो सब ठीक होता।
- अगर उसने झूठ ना बोला होता तो हम साथ होते।
- अगर रुक जाती तो मैं घर चला जाता।
- कल तुमने अपना कार्य पूरा कर लिया होता तो आज तुम भी हमारे साथ घुमने चलते।
विस्मयादिबोधक वाक्य किसे कहते हैं? (Exclamatory Sentence) –
जिन वाक्यों से आश्चर्य, घृणा, क्रोध, शोक आदि का भाव प्रकट हो, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। इसे ‘!’ चिह्न के साथ लिखा जाता है। जैसे-
- शाबाश! तुमने कर दिखाया।
- अहा! मजा आ गया।
- ओह! आज कितनी ठण्ड है।
- बल्ले बल्ले! आज हम मूवी देखने जायेंगे।
- हे राम! कितना गन्दा आदमी है।
- हे भगवान! वह पास कैसे हो गया।
रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं-
- सरल / साधारण वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित वाक्य
सरल या साधारण वाक्य (Simple Sentence) –
जिन वाक्यों में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, साधारण वाक्य कहलाता है। जैसे-
- वह खेलता है।
- सीता पढती है।
- गाँधी जी अहिंसा के पुजारी हैं।
- आज मेरे पिता जी को बुखार है।
- हमें हरी शाक सब्जी खानी चाहिए।
- राम और श्याम अच्छे मित्र हैं।
संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) –
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजको (और एवं, तथा, या, इसलिए, फिर भी, किंतु, परंतु, लेकिन, अतः) आदि से जुड़े हो, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं। जैसे-
- मैंने उसे समझाया था, फिर भी वह नहीं माना।
- हम लोग आने वाले थे, लेकिन तभी वर्षा होने लगी।
- लड़के खेल रहे थे, परन्तु लडकियाँ पढ़ रही थीं।
- आज मामा आने वाले थे, लेकिन जरुरी काम से वह आगरा चले गए।
- प्रातः सूर्य उदय हो रहा था और पक्षी चहचहा रहे थे
- गरिमा घर का सारा काम करती है और स्कूल भी जाती है।
- आज मोहिनी सभा में भाषण देती लेकिन उसका गला ख़राब था।
- मुझे डॉक्टर को दिखाना है इसलिए अस्पताल जा रही हूँ।
मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं? (Complex Sentence) –
जिन वाक्यों में एक प्रधान उपवाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हो तथा जो आपस में (‘जो_____वह______;’ जितना____उतना____; ‘ जैसा_____वैसा_____) आदि से मिले हुए हो, उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। जैसे-
- जब बारिश बंद होगी, तब हम घूमने जाएंगे।
- मुझे पता था कि आज वह नहीं आएगा।
- जो लड़का कमरे में बैठा है, वह मेरा भाई है।
- गाना बजते ही शिवम् नाचने लगता है।
- मैंने एक साइकिल खरीदी जो बैटरी से चलती है।
- यदि जल्दी ऑफिस जाना चाहती हो तो स्कूटी ले जाओ।
- जितना समय उसे बाज़ार जाने में लगता है, उतने में मैं दो बार चला गया होता।
विडियो में सीखें कि वाक्य किसे कहते है (Vakya kise kahate hain)
FAQ :
वाक्य किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
शब्दों का ऐसा सार्थक समूह जिससे वक्ता को पूरी बात समझ में आ जाये वाक्य कहलाता है। अथवा सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है।
रचना और अर्थ के आधार पर वाक्य 11 प्रकार के होते हैं।
वाक्य के कितने भाग होते हैं?
वाक्य के दो भाग होते हैं – उद्देश्य और विधेय
Disclaimer & Conclusion :
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा वाक्य किसे कहते हैं (Vakya kise kahate hain), साथ ही आपने वाक्य के अंग और वाक्य प्रकार भी पढ़ा, हमें उम्मीद है कि आपको यह आवश्य समझ आई होगी। इस लेख के बारे में अपने विचार आवश्य कमेंट करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए the eNotes को टेलीग्राम पर फॉलो करें।
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