नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इसमें हम (Acid Base and Salt in Hindi) अम्ल क्षार और लवण के बारे में पढेंगे, हालाँकि हम अम्ल के बारे में पहले ही विस्तार से पढ़ चुके हैं, तो चलिए Acid Base and Salt in Hindi पढ़ते हैं-

अम्ल क्षार और लवण (Acid Base and Salt in Hindi)
Acid Base and Salt in Hindi – अम्ल क्षार और लवण की बात करें तो, ऐसे पदार्थ को जल में आयनित होकर (H+) आयन देते हैं अम्ल (Acid) कहलाते हैं तथा क्षार (Base) ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) आयन देते हैं और ऐसे यौगिक जिनमे अम्ल तथा लवण दोनों के गुण हो लवण कहलाते हैं।
अम्ल और क्षार परस्पर क्रिया से लवण बनते हैं, इस क्रिया में जल भी बनता है। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं और यह नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं जबकि क्षार स्वाद में कडवे होते हैं तथा यह लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं।
अम्ल क्या है? (What is Acid)
जो पदार्थ जल में घुलकर (H+) आयन उत्पन्न करते हैं, अम्ल कहलाते हैं। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते है। यह एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। अम्ल का PH मान 7 से कम होता है। जैसे- HNO₃, HCl
अम्ल के गुण (Properties of Acid)
- अम्ल स्वाद में खट्टा होता है।
- अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल करता है।
- अम्ल का PH मान 7 से कम होता है।
- अम्ल जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन आयन देता है
- अम्लों के गुण क्षार के साथ अभिक्रिया के साथ समाप्त हो जाती है।
अम्ल के प्रकार (Type of Acid)
स्रोत, सांद्रता, प्रबलता और क्षारकता के आधार पर अम्ल को कई हिस्सों में बाटा गया है, यहाँ कुछ महत्त्वपूर्ण अम्ल के बारे में चर्चा की गयी है। अम्ल के बारे में विस्तार से पढ़ें –
सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid) –
जब किसी अम्ल तथा जल के घोल में अगर, जल की अपेक्षा अम्ल अधिक घुल जाये तो उसे सान्द्र अम्ल कहते हैं। जैसे–सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) आदि
तनु अम्ल (Dilute Acid) –
जब किसी अम्ल तथा जल के घोल में अगर, अम्ल की अपेक्षा जल अधिक घुल जाये तो उसे तनु अम्ल कहते हैं। जैसे–तनु सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄ सांद्रता–1)
कार्बनिक अम्ल (Organic Acid) –
ऐसे अम्ल जो पौधों और जानवरों से प्राप्त होते हैं, तथा जिनमे कार्बन उपस्थित होता है, कार्बनिक अम्ल कहलाता है। जैसे–साइटिक एसिड (C₆H₈O₇) , एसिटिक एसिड CH₃COOHआदि
अकार्बनिक अम्ल (Inorganic Acid) –
ऐसे अम्ल जो खनिज पदार्थों से प्राप्त होते है, तथा जिनमे कार्बन उपस्थित नहीं होता है, अकार्बनिक अम्ल कहलाते हैं। जैसे–नाइट्रिक एसिड (HNO₃) , (HCl), सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) , बोरिक एसिड (H3BO3) आदि

क्षार किसे कहते हैं? (What is Base)
ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) आयन देते हैं। जो स्वाद में कडवे होते हैं तथा लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं, क्षार कहलता है। जैसे- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटासियम हाइड्राक्साइड (KOH) आदि
क्षार के गुण (Properties of Acid)
- क्षार का स्वाद में कड़वे होते हैं।
- यह लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं।
- प्रबल क्षार विद्युत का सुचालक होता है।
- अधिकतर क्षार घुलनशील होते हैं।
- अम्ल से अभिक्रिया करके क्षार का गुण समाप्त हो जाता है तथा अभिक्रिया के पश्चात यह जल तथा लवण का निर्माण करता है।
क्षार के प्रकार (Types of Bases)
प्रबल क्षारक (Strong Bases)
वे क्षारक, जो जल में पूर्णतया वियोजित होकर हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) देते हैं, प्रबल क्षारक कहलाते हैं। जैसे- पोटासियम हाइड्राक्साइड (KOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), बेरियम हाईड्रॉक्साइड [Ba(OH)₂] आदि
दुर्बल क्षारक (Weak Bases)
वे क्षारक, जो जल में पूर्णतया वियोजित नहीं होते हैं, दुर्बल क्षारक कहलाते हैं। जैसे- अल्युमिनियम हाइड्राइड (Al(OH)3), अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH₄OH) आदि
लवण क्या है? (What is Salt)
जिस यौगिक में अम्ल तथा क्षार दोनों के लक्षण पाये जाते हैं लवण कहलता है। यह अम्ल के एक, या अधिक हाइड्रोजन परमाणु को किसी क्षार के एक, या अधिक धनायन से प्रतिस्थापित करने पर बनता है। इस आर्टिकल में आप पढ़ रहे हैं – अम्ल क्षार और लवण
लवण के प्रकार (Type of Salt)
लवण मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं। सामान्य लवण, द्विक लवण और संकर लवण
सामान्य लवण
ऐसे लवण जिसमे अम्ल परमाणु से एक धातु या धात्विक गुण प्रदर्शित करने वाले तत्वों के द्वारा हाइड्रोजन परमाणु के पूर्ण रूप से प्रतिस्थापित होने से बनते हैं उन्हें सामान्य लवण कहते हैं। यह तीन प्रकार के होते हैं-
- सामान्य लवण
- अम्लीय लवण
- क्षारीय लवण
द्विक लवण
दो सामान्य लवणों से निर्मित लवण को ‘द्विक लवण’ कहते हैं, जो पानी में विघटित होने पर धातु आयनों के दो प्रकार देता है। जैसे-पोटाश फिटकिरी k2so4.Al2(so4)3.24H2o
संकर लवण
ऐसे लवण जिनमें आयन अथवा उदासीन अणु किसी धात्वीय धनायन के साथ उपसहसंयोजन बंद बनाते हैं तो उन्हें संकर लवण कहते हैं। यह लवण जल में वियोजित होकर संकर आयन देते हैं तथा संकर लवणों का अस्तित्व ठोस तथा विलयन दोनों अवस्थाओं में होता है। जैसे–पोटैशियम फेरोसायनाइड C₆FeK₄N₆
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
अम्ल क्षार एवं लवण से आप क्या समझते हैं?
अम्ल क्षार और लवण की बात करें तो, ऐसे पदार्थ को जल में आयनित होकर (H+) आयन देते हैं अम्ल (Acid) कहलाते हैं तथा क्षार (Base) ऐसे यौगिक होते हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) आयन देते हैं और ऐसे यौगिक जिनमे अम्ल तथा लवण दोनों के गुण हो लवण कहलाते हैं।
अम्ल और क्षार में क्या अंतर है?
अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं और यह नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं जबकि क्षार स्वाद में कडवे होते हैं तथा यह लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं।
Conclusion and Disclaimer:
इस आर्टिकल में आपने अम्ल क्षार और लवण (Acid Base and Salt in Hindi) के बारे में पढ़ा, हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी आवश्य समझ आयी होगी, इस लेख के बारे में अपने विचार आवश्य कमेंट करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए the eNotes को टेलीग्राम पर फॉलो करें।
the eNotes रिसर्च के बाद जानकारी उपलब्ध कराता है, इस बीच पोस्ट पब्लिश करने में अगर कोई पॉइंट छुट गया हो, अथवा स्पेल्लिंग मिस्टेक हो, या फिर आप किसी अन्य प्रश्न का उत्तर ढूढ़ रहें है तो उसे कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें, अथवा हमें [email protected] पर मेल करें।