नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इसमें हम अम्ल के बारे में पढेंगे और जानेंगे की अम्ल किसे कहते हैं (Acid in Hindi) साथ ही हम अम्ल की परिभाषा और अम्ल के प्रकार भी पढेंगे, तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं कि अम्ल किसे कहते हैं-
अम्ल किसे कहते हैं? (Acid in Hindi)
अम्ल (Acid) शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द एसियर से हुई है, जिसका अर्थ है खट्टा, अर्थात खट्टे खाद्य-पदार्थ में अम्ल होते हैं।
अम्ल की परिभाषा – जो पदार्थ जल में घुलकर (H+) आयन उत्पन्न करते हैं, अम्ल कहलाते हैं। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते है। यह एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। अम्ल का PH मान 7 से कम होता है।
अम्ल, ठोस, द्रव या गैस, किसी भी भौतिक अवस्था में पाए जा सकते हैं। वे शुद्ध रूप में या घोल के रूप में रह सकते हैं। जिस पदार्थ या यौगिक में अम्ल के गुण पाए जाते हैं वे (अम्लीय) कहलाते हैं। अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।

वैज्ञानिकों द्वारा अम्ल की परिभाषा-
उपर आपने अम्ल का परिभाषा पढ़ा, तो आइए कुछ महान वैज्ञानिकों द्वारा जानते हैं कि अम्ल किसे कहते हैं (Acid in Hindi) –
रॉबर्ट बॉयल का सिद्धांत-
अम्ल वह पदार्थ है जिसका स्वाद खट्टा होता है, जो नीले लिटमस पत्र को लाल करता है तथा बहुत से पदार्थों को घुलाने की क्षमता रखता है, अम्ल कहलाता है।
एच डेबी का सिद्धांत-
अम्ल वह पदार्थ है जिनमें विस्थापन योग्य हाइड्रोजन परमाणु रहते हैं और जिनको जब किसी धातु से विस्थापित किया जाता है तो लवण का निर्माण होता है अम्ल कहलाता है। जैसे:-Zn + 2HCl = ZnCl₂+ H2
आरहेनियस का सिद्धांत-
इस सिद्धांत के अनुसार, अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन देते हैं। उदाहरण HCL, सलफ्यूरिक अम्ल आदि।
क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में OH–आयन देते हैं। अतः यह सिद्धांत जलीय माध्यम में अम्ल व क्षार की व्याख्या करता है। उदाहरण सोडियम हाइड्रॉक्साइड, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड आदि।
लुइस का सिद्धांत-
इस सिद्धांत के अनुसार, जो पदार्थ इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण कर सकता है। उसे अम्ल कहा जाता है और जो पदार्थ इलेक्ट्रॉन युग्म का दान कर सकता है उसे क्षार कहते हैं। अर्थात् इलेक्ट्रॉन युग्म ग्राही अम्ल तथा इलेक्ट्रॉन युग्म दाता क्षारक होते हैं।
ब्रोन्स्टेड लौरी का सिद्धांत-
इस सिद्धांत के अनुसार कोई पदार्थ अम्ल का गुण क्षारक की उपस्थिति में प्रदर्शित करता है। वह अभिक्रिया जिसमे अम्ल से क्षारक में प्रोटोन का स्थानांतरण होता है। उस अभिक्रिया को अम्ल क्षारक अभिक्रिया कहते हैं।
अम्ल के गुण (Properties of Acid)
अम्ल के कुछ महत्त्वपूर्ण गुण निम्नलिखित हैं-
- अम्ल का PH मान 7 से कम होता है।
- अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल करता है।
- अम्ल जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन आयन देता है
- अम्ल स्वाद में खट्टा होता है।
- अम्लों के गुण क्षार के साथ अभिक्रिया के साथ समाप्त हो जाती है।
अम्ल के सामान्य उपयोग (Uses of Acid)
अम्ल के कुछ सामान्य उपयोग निम्नलिखित है –
- गहनों को साफ़ करने में
- बाथरूम की सफ़ाई में
- अग्निशामक के निर्माण में
- स्टोरेज बैटरी में
- पेट्रोलियम के सुधिकरणं में
- गंधका अम्ल का प्रयोग खाद बनाने में
- नाइट्रिक अम्ल का प्रयोग बिस्फोट पदार्थ बनाने में किया जाता है
अम्ल के प्रकार (Type of Acid)
स्रोत, क्षमता, सांद्रता, ऑक्सीजन की उपस्थिति और क्षारकता के आधार पर अम्ल को निम्नलिखित भागों में बाटा गया है।
स्रोत के आधार पर अम्ल के प्रकार
स्रोत के आधार पर अम्ल मुख्य दो प्रकार के होते हैं। कार्बनिक और अकार्बनिक अम्ल
कार्बनिक अम्ल (Organic Acid) –
ऐसे अम्ल जो पौधों और जानवरों से प्राप्त होते हैं, तथा जिनमे कार्बन उपस्थित होता है, कार्बनिक अम्ल कहलाता है| जैसे – साइटिक एसिड (C₆H₈O₇), एसिटिक एसिड CH₃COOHआदि
अकार्बनिक अम्ल (Inorganic Acid)
ऐसे अम्ल जो खनिज पदार्थों से प्राप्त होते है, तथा जिनमे कार्बन उपस्थित नहीं होता है, अकार्बनिक अम्ल कहलाते हैं| जैसे – नाइट्रिक एसिड (HNO₃), (HCl), सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄), बोरिक एसिड (H3BO3) आदि
सांद्रता के आधार पर अम्ल के प्रकार
सांद्रता के आधार पर भी अम्ल दो प्रकार के होते हैं|
सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid)
जब किसी अम्ल तथा जल के घोल में अगर, जल की अपेक्षा अम्ल अधिक घुल जाये तो उसे सान्द्र अम्ल कहते हैं| जैसे – सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) आदि
तनु अम्ल (Dilute Acid)
जब किसी अम्ल तथा जल के घोल में अगर, अम्ल की अपेक्षा जल अधिक घुल जाये तो उसे तनु अम्ल कहते हैं| जैसे – तनु सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄ सांद्रता – 1)
ऑक्सीजन की उपस्थिति के आधार पर
ऑक्सीजन की उपस्थिति के आधार पर भी अम्ल दो प्रकार के होते हैं|
ऑक्सी-एसिड (Oxy Acid)
वे अम्ल जिनकी संरचना में ऑक्सीजन उपस्थित होती है उन्हें ऑक्सी-एसिड कहा जाता है जैसे – नाइट्रिक एसिड (HNO₃), बोरिक एसिड H3BO3 आदि
हाइड्रासिड (Hydracid)
वे अम्ल जिनकी संरचना में ऑक्सीजन उपस्थित नहीं होती उन्हें हाइड्रासिड कहा जाता है जैसे – हाइड्रो क्लोरिक एसिड HCl, हाइड्रोब्रोमिक एसिड (HBr) आदि
प्रबलता के आधार पर अम्ल के प्रकार
प्रबलता के आधार पर भी अम्ल दो प्रकार होते है|
प्रबल अम्ल (Strong Acid)
ऐसे अम्ल जो जल में लगभग पूरी तरह घुल जाते है उन्हें प्रबल अम्ल कहा जाता है जैसे – सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄), नाइट्रिक एसिड (HNO₃) आदि
दुर्बल अम्ल (Weak Acid)
ऐसे अम्ल जी जल में पूरी तरह घुलते या बहुत कम घुलते है उन्हें दुर्बल अम्ल कहा जाता है, ऐसे अम्ल आमतौर पर खाद्य पदार्थों में पाए जाते है जैसे – साइट्रिक एसिड (C₆H₈O₇), एसिटिक एसिड (CH₃COOH) आदि
क्षारकता के आधार पर अम्ल के प्रकार
किसी क्षार से प्रतिक्रिया होने पर हाइड्रोजन आयनों की वह संख्या जो एक अम्ल, क्षार को दान कर सकता है उसे क्षारकता कहते है, क्षारकता के आधार पर अम्ल तीन प्रकार के होते है-
मोनोबैसिक अम्ल (Monobasic Acid)
वे अम्ल जो किसी क्षार से प्रतिक्रिया होने पर केवल एक ही हाइड्रोजन आयन दान कर सकते है उन्हें मोनोबैसिक एसिड कहा जाता है जैसे – हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) आदि
डिबासिक एसिड (Dibasic Acid)
वे अम्ल जो किसी क्षार से प्रतिक्रिया होने पर दो हाइड्रोजन आयनों का दान कर सकते है उन्हें डिबासिक एसिड कहा जाता है जैसे – सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) आदि
ट्राईबेसिक एसिड (Tribasic Acid)
वे अम्ल जो किसी क्षार से प्रतिक्रिया होने पर तीन हाइड्रोजन आयनों का दान कर सकते है उन्हें ट्राईबेसिक एसिड कहा जाता है जैसे – फोस्फोरिक एसिड (H3PO4) आदि
कुछ सामान्य अम्ल तथा उसके स्रोत
अम्ल का नाम | स्रोत |
---|---|
एस्कार्बिक अम्ल | विटामिन – सी |
साइट्रिक अम्ल | नींबू |
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | पाचक रस |
लैक्टिक अम्ल | दूध |
यूरिक अम्ल | मूत्र |
मैलिक अम्ल | कच्चे सेब, फल |
टैनिक अम्ल | चाय |
अमीनो अम्ल | प्रोटीन |
फार्मिक अम्ल | चींटी और मधुमक्खी के डंक |
एसिटिक अम्ल | सिरका |
अम्ल का परीक्षण (Acid Test)
लिटमस पत्र परीक्षण और PH मान परीक्षण, परीक्षण के दो मुख्य रूप होते है।
लिटमस पत्र परीक्षण-
यह पत्र लाइकेन से बनता है अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।
Ph मान परीक्षण-
इस परीक्षण की खोज सोरेनस (sopranos) ने 1909 में की थी। इसमें 0 से 14 तक संख्या लिखी होती है जिन पदार्थ का 0 से 6.9 तक का PH मान होता है वे अम्ल होते है।
अम्ल के रासायनिक नाम (Chemical Name Of Acid)
- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल-HCL
- सल्फ्यूरिक अम्ल-H₂SO₄
- नाइट्रिक अम्ल-HNO₃
- आक्सालिक अम्ल-C₂H₂O₄
- कार्बोनिक अम्ल-H₂CO₃
- लेक्ट्रिक अम्ल-C3H6O
- फास्फेरिक अम्ल-H3O4P
अम्लों के रासायनिक गुण (Chemical properties of Acid)
- अम्ल क्षार कों के साथ क्रिया करके लवण और जल बनाते है।
- अम्ल विद्युत के सुचालक होते हैं।
- अम्ल स्वाद मे खट्टे होते हैं।
- अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।
अम्ल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
जो पदार्थ जल में घुलकर (H+) आयन उत्पन्न करते हैं, अम्ल कहलाते हैं। अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते है। यह एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। अम्ल का PH मान 7 से कम होता है।
अम्ल का उदाहरण क्या है?
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल-HCL
सल्फ्यूरिक अम्ल-H₂SO₄
नाइट्रिक अम्ल-HNO₃
आक्सालिक अम्ल-C₂H₂O₄
कार्बोनिक अम्ल-H₂CO₃
लेक्ट्रिक अम्ल-C3H6O
फास्फेरिक अम्ल-H3O4P
अम्ल के उपयोग
गहनों को साफ़ करने में, तथा बाथरूम की सफ़ाई में
Conclusion:
इस आर्टिकल में आपने पढ़ा की, अम्ल किसे कहते हैं (Acid in Hindi) साथ ही आपने अम्ल के प्रकार तथा अम्ल के गुण आदि के बारे में पढ़ा, हमें उम्मीद है कि आपको यह आवश्य समझ आया होगा कि अम्ल किसे कहते हैं।
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