किसी भी भाषा को पढने के लिए ज़रूरी है कि सबसे पहले उसके वर्णमाला को समझा जाए। हिन्दी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं, जिसे दो भाग स्वर और व्यंजन में बाटा गया है। तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि स्वर किसे कहते हैं? और स्वर कितने प्रकार के होते हैं?
आप इस आर्टिकल में पढेंगे -
स्वर किसे कहते हैं?
स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण स्वर कहलाते हैं। अर्थात जिन वर्णों को बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोला जाता है उन्हें स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 होती है लेकिन उच्चारण के आधार पर 10 स्वर, 1 अर्ध स्वर और 2 अनुस्वर होते हैं, जिसमे अर्ध स्वर को भी स्वर के साथ गिना जाता है और अनुस्वर को स्वर की श्रेणी से बाहर रखा जाता है।
हिंदी वर्णमाला के स्वर
- स्वर-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ (10)
- अर्ध स्वर-ऋ (1)
- अनुस्वर-अं, अः (2)
स्वर को संख्या 11 होती है, अनुस्वर को स्वर के साथ नहीं गिना जाता है।
स्वर कितने प्रकार के होते हैं?
उच्चारण की दृष्टि से स्वर तीन प्रकार के होते हैं-ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर और प्लुत स्वर
ह्रस्व स्वर
सबसे कम समय (एक मात्रा का समय) में बोले जाने वाले स्वर को ह्रस्व स्वर कहते हैं। जैसे- अ, इ, उ
दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में अधिक समय (दो मात्रा का समय) लगता है उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
प्लुत स्वर
जिस स्वर के उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी ज़्यादा (तीन मात्रा) का समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। इसका प्रयोग किसी को पुकारने अथवा संवाद में किया जाता है। जैसे- रा ऽ-ऽ ऽ म, ओउम्।
लेख के बारे में-
- तो दोस्तों आज हमने स्वर और उसके प्रकार के बारे में जाना है, और यह भी जाना है कि इनकी संख्या कितनी होती हैं।
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