नमस्ते दोस्तों, एक बार फिर से स्वागत है आपका the eNotes के एक नये आर्टिकल में, इस आर्टिकल में पढेंगे कि, भाषा किसे कहते हैं? (Bhasha kise kehte hain.) जिसके बाद हम हिन्दी व्याकरण पढेंगे। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें की अगर अप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हिन्दी की तैयारी के लिए आप इस वेबसाइट को फॉलो करें अथवा आप सामान्य हिन्दी का यह किताब देख सकते हैं।
व्याकरण किसे कहते हैं?
किसी भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोलना, समझना तथा लिखना व्याकरण कहलाता है। सभी भाषाओ का अलग-अलग व्याकरण होता है। जिसे समझने के बाद हम उस भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोल अथवा लिख सकते है। दुसरे शब्दों में-हिन्दी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने सम्बंधी नियमों का बोध कराने वाला शास्त्र हिन्दी व्याकरण कहलाते है।
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भाषा किसे कहते हैं? Bhasha kise kehte hain
भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर या पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों को दूसरो के समक्ष प्रकट करता है। अथवा जिस माध्यम से हम अपने भावों या विचारो को दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। जैसे-हिंदी, अंग्रेजी आदि।
- भाषा सार्थक ध्वनियों के मेल से बनती है।
- विचारों का आदान-प्रदान केवल भाषा द्वारा ही हो सकता है।
- भाषा का प्रयोग करने में केवल मनुष्य ही सक्षम है अन्य प्राणी इस अनमोल विशेषता से वंचित हैं।
भाषा कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्य रूप से भाषा 3 प्रकार के होते हैं लेकिन सांकेतिक भाषा सर्वग्राह्य भाषा ना होने के कारण, इसे व्याकरण में अध्ययन नहीं किया जाता है।
- मौखिक भाषा (Oral Language)
- लिखित भाषा (Written Language)
- सांकेतिक भाषा (Symbolic / Indicative Language)
मौखिक भाषा (Oral Language)
भाषा का वह रूप जिसमें व्यक्ति अपने विचारो को बोलकर प्रकट करता है, और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है। मौखिक भाषा कहलाती है। इसमें वक्ता बोलकर अपनी बात कहता है व श्रोता सुनकर उसकी बात समझता है। जैसे- अरिजीत गीत गा रहा है। नेता जी भाषण दे रहे हैं।
लिखित भाषा (Written Language)
भाषा के जिस माध्यम से हम अपने विचारो को लिख कर प्रकट करते हैं तथा दुसरे इन्हें पढकर समझते हैं, उसे लिखित भाषा कहते हैं। लिखित भाषा समझने के लिए पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। इस भाषा का प्रयोग सदैव पत्र लिखने तथा पढाई-लिखाई में काम आता है। जैसे- सीता पत्र लिख रही है। मोहन अपना गृह कार्य कर रहा है।
सांकेतिक भाषा (Symbolic / Indicative Language)
भाषा के जिस माध्यम से हम अपने विचारो को इशारो (संकेतो) में दुसरे वक्ता को समझा सकते हैं। उसे सांकेतिक भाषा कहा जाता है। इस भाषा का प्रयोग वे लोग करते है जो बोल या सुन नहीं सकते। ट्रैफिक नियमों का पालन करना भी सांकेतिक भाषा का रूप है। सांकेतिक भाषा सर्वग्राह्य भाषा नहीं है इसलिए व्याकरण में इसका अध्ययन नहीं किया जाता।
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Conclusion –
- इस आर्टिकल में हमने पढ़ा की भाषा किसे कहते हैं? (Bhasha kise kehte hain) इससे पहले भी इस ब्लॉग पर हिन्दी व्याकरण से सम्बंधित आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं।
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आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, Shiksha
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आपने बहुत अच्छे से भाषा की परिभाषा समझायी हैं।
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आपने बहुत ही बढ़िया जानकरी शेयर की है।
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आपने अच्छी तरह से भाषा के बारे में बताया है, थैंक्स
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Thanks Pankaj
आपने हिन्दी व्याकरण के बारे में बहुत अच्छा समझाया है।
आपका बहुत – बहुत धन्यवाद हिंदी मात्रा, हमे ख़ुशी हुई कि यह लेख आपके काम आया.
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